कार्बनिक रसायन विभाग के सन्दर्भ में ।

कार्बनिक रसायन विभाग का मुख्य ध्येय, शर्करा उद्योग के लाभ से संबंधित नये ज्ञान का विकास करना और शर्करा उद्योग के बचे अपशिष्ट पदार्थों से नई कम लागत तथा पर्यावरण की दृष्टिकोण से लाभकारी उत्पाद विभिन्न प्रौद्योगिकी एवं संबन्धित तकनीकी प्रणालियों के माध्यम से प्राप्त करना है, जिससे संस्थान का विश्वस्तरीय पहचान बन सके।

विभाग की गतिविधियाँ निम्नलिखित हैः-

  • कार्बनिक रसायन का अल्कोहल एवं शर्करा तकनीक संकाय में संबंधित विषयों में परास्नातक डिप्लोमा पाठ्यक्रम का संचालन ।
  • शर्करा तथा संबंधित उद्योंगों को तकनीकी परामर्श प्रदान करना।
  • शर्करा तथा अल्कोहल उद्योग से संबंधित शोधार्थियों को शोध कार्य में डाक्टरेट के लिए मार्गदर्शित करना।

परियोजनाए जिसपर शोध कार्य जारी हैः-

यह विभाग नई तकनीकों को विकसित करके मूल्यपरक उत्पादों का संश्लेषण तथा अपशिष्ट पदार्थ के उपयोगी उद्देश्यों के लिए उनके उपयोग पर शोध कार्य चला रहा है।

  • गन्ने के खोई से ग्रैफिन ऑक्साइड तैयार करना ।
  • गन्ने की रस से इन्वर्ट सीरप तैयार करना।
  • गन्ने के रस मे फॉस्फेट का विश्लेषण ।
  • फ्लाई एश का उपयोग रंग-शोषक के रुप में करना ।

पूर्ण हो चुकी परियोचनाएः-

  • गन्ने के रस को आयनीकरण के माध्यम से खनिज रहित करना।
  • अशोधित केन वेक्स का शोधन।
  • बगास से जाईलीटॉल का संश्लेषण।
  • गन्ने के शीरा का शुद्धिकरण ।
  • उच्च फ्रुक्टॉज सीरप का उत्पादन एवं संशोधन ।
  • शर्करा से एच.एम.एफ. एवं लेबुलिनिक अम्ल का उत्पादन।
  • बीज के पॉलिशेक्राइड का संरचनात्मक अध्ययन।

प्रकाशनः:

राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में इस विभाग के द्वारा 200 से भी ज्यादा शोधपत्र प्रकाशित किए गए हैं।

दीर्घा