भौतिक रसायन विभाग के सन्दर्भ में

भौतिक रसायन विभाग का प्रमुख कार्य शिक्षण, शोध, रसायनिक विश्लेषण और शर्करा उद्योगों को परामर्श प्रदान करना है। यह विभाग शर्करा उत्पादन विशेषकर शोधण और रंग विकास घटनाक्रम संबंधित जटिल भौतिक रसायनिक समस्याओं का निस्पादन एवं मूलभूत जानकारियों को विकसित करता है।

यह विभाग शर्करा तकनीकी, अल्कोहल तकनीकी और गुणवत्ता प्रबंधन के छात्रों को भौतिक रसायन में शिक्षण एवं प्रशिक्षण (प्रायोगिक ज्ञान) प्रदान करता है। रसायन के भौतिक गुणों से संबंधित भाग मुख्यतः रंग और फिजिको-केमिकल प्रभाव के अध्ययन को स्पष्ट करता है। इसके अतिरिक्त भौतिक रसायन विभाग आसवन से संबंधित इलेक्ट्रो केमिकल प्रक्रिया का भी विश्लेषण करता है। इस विभाग के द्वारा 25 से भी ज्यादा शोधार्थियों को शोध की उपाधि प्रदान की गई है।

संस्थान के पास अत्याधुनिक यंत्रों से सुसज्जित रचनात्मक प्रयोगशालाएँ उपलब्ध हैं जो आई.सी.यू.एम.एस.ए. के द्वारा निर्धारित चरणों के अंतर्गत विश्लेषण करने में सक्षम है।

परियोजनाएँ जिनपर कार्य जारी है :

यह विभाग शर्करा उद्योग में नवीनतम तकनीकों के प्रयोग एवं प्राप्त अपशिष्ट के सदुपयोग से संबंधित तकनीकों पर शोध कार्य कर रहा है।

  • गन्ना रस का इलेक्ट्रो-केमिकल शुद्धिकरण/संशोधन।
  • शर्करा उद्योग से प्राप्त दूषित जल का इलेक्ट्रो कागुलेशन तकनीक से शोधन।
  • गन्ने की गुणवत्ता में ह्रास का पता लगाने के लिए सेंसर का विकास।

पूर्ण हो चुकी परियोजनाएः-

भौतिक रसायन विभाग द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण परियोजनाएँ हाल ही में पूरी की गई हैः-

  • शर्करा से फुलरिन का संश्लेषण।
  • भण्डार में शीरे के किण्डवन को रोकना तथा को ऑटोकंबस्टन से बचाना ।
  • गोदामों में भण्डारण के दौरान शर्करा के क्षय को रोकना।

परामर्शदात्री सेवाएः

यह विभाग शर्करा एवं संबंधित उद्योगों को जरुरत पड़ने पर शर्करा के रंग से संबंधित, ब्यायलर वाटर और कंडेंसेट वाटर का संशोधन तथा शर्करा के गोदामों में रख-रखाव से संबंधित तकनीकी सलाह भी प्रदान करता है।

प्रकाशनः-

राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में इस विभाग के द्वारा 400 से भी ज्यादा शोधपत्र प्रकाशित किए गए हैं।

दीर्घा