यदि आप किसी व्यापक सामूहिक प्रयास के हिस्सा हैं तो समूह में काम करना आवश्यक होता है। हालाँकि कुछ लोग समूह में काम करने में निपुण होते हैं जबकि कुछ लोगों को समूह में काम करने के लिए सीखना पड़ता है। सही ज्ञान और उचित प्रयास के माध्यम से हम भी इसमें निपुण हो सकते हैं। यहाँ कुछ आवश्यक जानकारियाँ समूह में काम करने के लिए दी जा रही हैं, जिससे आपको मदद मिलेगी।
अपना सहयोग देः- सामूहिक गतिविधियों में प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग देना पड़ता है। प्रत्येक व्यक्ति इसमें कई प्रकार से अपना सहयोग प्रदान करता है। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति शुरुआती नियम निर्धारण में विचार प्रदान करता है तो वह किसी सामूहिक प्रयास में भी शामिल होता है, इस प्रकार परस्पर सहयोग का भाव जरुरी होती है। क्योंकि जहाँ सामूहिक प्रयास होता है वहाँ काम भी बेहतर होता है।
मदद करेः- सामूहिक गतिविधियों में एक दूसरे को सहयोग करना जरुरी होता है। ऐसे कामो मे कई लोग होते हैं जो आपके सहयोगी होंगे, अतः उन सभी लोगों में आपसी तालमेल की भी जरुरत होगी। ऐसे समूह के सदस्य होने के नाते आपको भी लोगों से खुलकर काम मे सहयोग करना चाहिए।
संवाद स्थापित करेः- समूह आधारित गतिविधियों में अच्छी संवाद कौशल की भी आवश्यकता होती है। अतः अपने विचारों को स्पष्ट रुप से रखें ताकि लोगों को समझने में आसानी हो। यदि आपको लगता है कि आप संवाद स्थापित करने में सक्षम नहीं हैं तो आपको इसके लिए प्रयास करने चाहिए कि आपकी संवाद क्षमता बेहतर हो।
जिम्मेदारियाँ तथा दायित्व बाँटेः-समूह प्रायः विपरीत क्षमता वाले लोगों का समूह होता है। अतः सभी की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए दायित्यों का बँटवारा होना चाहिए। जिम्मदारियों के साथ वरिष्ठता क्रम भी होना चाहिए जैसे- समूह का मुखिया तथा समूचे समूह का व्यवस्थापक। समूह की सफलता के लिए जिम्मेदारियों का स्पष्ट बटवारा और दायित्व महत्पूर्ण हैं। यदि आपको कोई काम दिया जाता है तो आपको उसे अच्छे से समझना और अपने दायित्वों को पहचानना जरुरी है। आपको अपने सदस्यों से खुलकर विचार-विमर्श करना चाहिए और अपने वरिष्ठता क्रम को ध्यान में रखकर आपको भी अपने से जुड़े लोगों में भी कार्य का बटवारा करना चाहिए जिसके लिए अच्छी संवाद कौशल तथा प्रतिनिधित्व कौशल की आवश्यकता होगी।
सम्मानजनक व्यवहार रखेः- जब आप समूह में कार्य करते हैं उस वक्त आपको विविध प्रकार के विचारों, तरीकों, दष्टिकोणों, कार्य संस्कृति और लोगों की रुचियों से सामना करना होता है। यही विचारों का भेद समूह की सफलता की कुंजी भी है। सम्मानजनक व्यवहार का सबसे महत्पूर्ण पहलू किसी की बातों को ध्यानपूर्वक सुनना है। अतः आपको दूसरे के विचारों का सम्मान करना चाहिए तथा उस पर टिप्पणी सम्मानपूर्वक ही करनी चाहिए। यह गुण आपको सामूहिक निर्णय लेने में सहायक होता है।
विचारों को खुलकर व्यक्त करेः- खुला एवं स्वतंत्र विचारों का आदान-प्रदान समूह की व्यापक दृष्टिकोण के मूल्यांकन में सहायक होता है। इसके बारे में बिल्कुल चिंता न करें कि आपके विचारों पर क्या प्रतिक्रया होगी। यदि आपके पास कुछ विचार हैं उन्हें व्यक्त कर दीजिए। यदि आपके विचार की आलोचना होती है तो उसे व्यक्तिगत स्तर पर न लें। या तो आप अपने विचार का बचाव कर सकते हैं अथवा आलोचना उचित है तो उससे सीख भी सकते हैं। अच्छी समूह में विविध विचारों को प्रोत्साहित किया जाता है तथा समूह इससे लाभान्वित भी होता है।
समूह के निर्णय को स्वीकार करेः- समूह जो निर्णय लेती है, जरुरी नहीं कि आपके इच्छाओं के अनुरुप हो क्योंकि व्यापक स्तर पर सर्वसम्मति संभव भी नही होती, अतः कोई भी विकल्प लचीला होना चाहिए। विरोधाभास को नजरंदाज करके दो विरोधी विचारों को भी साथ-साथ रहने देना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण बात है कि जब एक बार योजना बन जाय तो उसे सफल करने में सभी प्रयत्नशील होना चाहिए।
विश्वसनीय बनेः- समूह में कार्य प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवंटित कार्य की परिणति होती है, वैसे सदस्य जिन पर समूह के सभी सदस्यों द्वारा भरोसा किया जाता है, उनका सम्मान भी होता है। समूह में काम कर सकने की क्षमता एक व्यक्ति को असीम साहस प्रदान करती है तथा उस व्यक्ति के निजी निर्णयों का सम्मान भी होता है और उसकी विश्वसनीयता बढ़ती जाती है। एक व्यक्ति की दृष्टकोण इस आधार पर विस्तृत होती है कि वह जानता है कि एक समूह मे विपरीत प्रतिभाएँ भी सामान्य लक्ष्य के लिए काम कर सकती हैं।