माननीय सर्वोच्य न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार रैंगिग पुरी तरह से वर्जित है और यदि कोई छात्र रैंगिग का दोषी पाया जाता है अथवा रैंगिंग को बढ़ावा देता है तो इस प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखने वाली समिति के अंतर्गत दण्ड का भागी होगा। इसी उद्देश्य के लिए AICTE के दिशा निर्देश के अनुसार निम्न समिति का गठन किया गया है।