-शुगर रिफाइनरी संचालन में सर्टिफिकेट कोर्स में अनंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थी।
यहां क्लिक करे
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूरे वर्ष भर संस्थान के भीतर तथा बाहर व्यक्तिगत प्रयासों से स्वच्छता के लिए कर्मचारी को “स्वच्छता” सम्मान दिया गया।
I.नरेन्द्र मोहन एवं महेन्द्र कुमार यादव द्वारा पैन का पुनर्निर्माण एवं वाष्पीकारक से उत्पन्न अंतिम वाष्प उत्पाद को MVR के माध्यम से पुनः संपीडित कर वाष्पीकारक में प्रयोग ।
II.नरेन्द्र मोहन एवं विष्णु प्रभाकर द्वारा गन्नों की खोई से गैफीन ऑक्साइड का उत्पादन तथा उसका कार्बोकैटलाइसिस में प्रयोग ।
III. सीमा परोहा एवं सन्तोष कुमार द्वारा भारत में अल्टेनेट फीड स्टॉक के माध्यम से इथनॉल का किफायती उत्पादन।
संस्थान के शर्करा तकनीक के सहायक प्रध्यापक और शिक्षा पदाधिकारी डॉ0 जाहर सिंह ने एक कार्यशाला में भाग लिया जिसका विषय था “महिलाओं के प्रति होने वाले लैंगिक उत्पीड़नों के विरुद्ध नियत समय में उठाए जाने वाले कदमों के प्रति तकनीकी संस्थानों में शिक्षकों तथा प्रबन्धन को जागरुक करना” इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा संगठन के द्वारा लखनऊ में 28 नवम्बर 2015 को किया गया।
संस्थान में 26 नवम्बर 2016 रो वरिष्ठ प्रशासनिक पदाधिकारी एवं शिक्षी पदाधिकारी ने संविधान दिवस के अवसर पर डॉ0 भीमराव अम्बेडकर की भारतीय संविधान के निर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला।
“विक्लप आधारित संग्रि विस्तारण और आबकारी उद्योग में वातावरणीय मामले” उपरोक्त विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 19 नवम्बर 2015 को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में किया गया, जिसका आयोजन अखिल भारतीय मद्ध आबकारी संगठन, नई दिल्ली के सहयोग से किया गया था। संगोष्ठी का उद्घाटन प्रो0 एस के गुप्ता जो संस्थान के पूर्व निदेशक हैं के द्वारा किया गया, उन्होंने सह उत्पाद प्रबन्धन के क्षेत्र में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की भूमिका का बखान किया। AIDA के सामान्य निदेशक श्री वी के रैना ने भी उद्घाटन भाषण में उपस्थित श्रोताओं को AIDAकी भूमिका , नई तकनीकों के विकास और नियमों के निर्धारण के क्षेत्र में बनाया। इस संगोष्ठी में वृहत पैमाने पर महराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस संगोष्ठी में अल्कोहल तथा आबकारी उद्योग में विशेषज्ञों ने महत्पूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला जैसेः- बी प्रकार के भारी गुण संश्षलेषण तथा अन्य विकल्पीय संग्रह से अल्कोहल उत्पादन, ब्वायलर के अतिरिक्त उत्पाद को भष्म करना तथा उससे कृषि के क्षेत्र मे उपयोग जिससे ZLD को प्रयोग किया जा सके।
उद्घाटन भाषण देते हुए एआईडीए के महानिर्देशक श्री वी.एन. रैना ने प्रतिनिधियों को नई प्रौद्योगिकियों के प्रचार और नीति मामलों के बारे में एआईडीए की भूमिका के बारे में बताया। बड़ा नहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, यूपी और हरियाणा के प्रतिनिधियों से संगोष्ठी में भाग लिया संगोष्ठी के दौरान अल्कोहल एंड ब्रुएरी इंडस्ट्रीज के प्रमुख विशेषज्ञों ने अपनी महत्वपूर्ण विषय पर प्रस्तुति दी, बी-भारी गुड़ों का मोड़ और अल्कोहल के उत्पादन, जलाए जाने वाले बॉयलर की स्थापना और फसल-सिंचाई आदि को अपनाने के लिए वैकल्पिक खाद्य भंडार का उपयोग, जेडएलडी हासिल करने के लिए।
इंस्टीट्यूट फार्म में 17 नवंबर, 2015 को "गन्ना गुणवत्ता और उत्पादन में पोटाश उर्वरक का महत्व" संस्थान द्वारा एक किसान गौथी का आयोजन किया गया था। बड़ा नहीं कानपुर के आसपास के किसानों और आस-पास के इलाकों में गोस्थी में भाग लिया। गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को पोटाश और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की भूमिका पर शिक्षित किया गया। उपप्रौढ क्षेत्र के लिए विकसित नए उच्च उपज और उच्च शक्कर गन्ना किस्मों पर किसानों को भी जानकारी दी गई।
तीन मिठाई जबरदस्त किस्मों - सीएसएच 22 एसएस, एसएसवी -84, सीएसवी -24 एस 3 और दो शर्करा बीट किस्मों एलएस -6, सीवी-पीएसी 60008 संस्थान के खेत में बोया गया है।
उपज, सूक्रोज सामग्री और कुल शर्करा सामग्रियों आदि के
संबंध में अध्ययन किया जाएगा। उपोष्णकटिबंधीय परिस्थितियों में अधिकतर प्रयोगशाला परीक्षणों को भी चुकंदर और मीठे ज्वार का रस से इथेनॉल उत्पादन की क्षमता का उपयोग करने के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा स्टिविया की खेती
के अलावा संस्थान में प्रयोगात्मक आधार पर भी लिया गया है।
“सतर्कता जागरुकता सप्ताह 26 अक्टुबर से 31 अक्टूबर 2015 संस्थान में जागरुकता सप्ताह का आयोजन 26 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2015 को किया गया। इस अवसर पर निदेशक महोदय ने कार्मचारियों और पदाधिकारियों को उसके लिए शपथ दिलायी। इस अवसर पर संस्थान में स्लोगन, वाद-विवाद तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
जिनके विजेता निम्नलिखित हैः-
निबंध प्रतियोगिता:
1. शश्री सन्तोष कुमार त्रिपाठी, प्रवर श्रेणी लिपिक- प्रथम
2. शश्री प्रभात कुमार अग्रहरि प्रशिक्षु- द्धितीय
3. श्री अमर गुप्ता, शर्करा इंजीनियरिंग- तृतीय
वाद-विवाद प्रतियोगिता
1.श्री श्रीराम तिवारी अवर श्रेणी लिपिक- प्रथम
2.श्री अखिलेश कुमार पाण्डेय, ड्राफ्टमैन– द्धितीय
3. श्री सन्तोष कुमार त्रिपाठी, प्रवर श्रेणी लिपिक – तृतीय
वर्तमान में उपलब्ध, विकासशील एवं भविष्य में आने वाली तकनीकें। 7 अक्टूबर, 2015 पुणे, महाराष्ट्र “गन्ना उर्जा उत्पादन तकनीकें”- वर्तमान में उपलब्ध, विकासशील एवं भविष्य में आने वाली तकनीकें” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन संस्थान के द्वारा दिनांक 17 अक्टूबर, 2015 को मेसर्स जे जी मुखर्जी एवं एसोसिएट लिमिटेड के सहयोग से महाराष्ट्र में आयोजित की गयी। इस अवसर पर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि से प्रतिनिधिओं ने वृहत पैमाने पर भाग लिया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक ने उद्घाटन भाषण में नई तकनीकों के माध्यम से और उनके प्रभावी नियंत्रण के माध्यम से उर्जा संरक्षण पर जोर दिया। मेसर्स जे पी मुखर्जी एवं एसोसियेट लि0, पुणे के प्रबन्ध निदेशक ने स्वागत भाषण में नई उर्जा संरक्षण करने वाली तकनीकों, विशेषकर,जूस परिष्करण, शीतलन आदि स्तरों पर के इस्तेमाल पर जोर दिया। इस संगोष्ठी के दरम्यान दस शोद पत्रों को प्रस्तुत किया गया। ये सारे शोध पत्र गन्ना आधारित उर्जा उत्पादन तकनीक, प्रेस मड के माध्यम से सी. एन. जी जैसे उत्पादों का उत्पादन, गन्नो की खोई को सुखाने, अतिरिक्त विकल्प आधारित संग्रहों से इथेनॉल उत्पादन में क्षमता आदि से संबंधित थे। ।
शर्करा मानक निर्धारक समिति के द्वारा 7 शर्करा मानकों का निर्धारण किया गया। L-31,M-31,S-31,SS-31 जिन्हें शर्करा उत्पादन वर्ष 2015-16 के लिए निर्धरित किया गया है। मानकों की मूल्य तथा उनसे संबंधित विस्तृत जानकारी संस्थान की बेवसाइट से प्राप्त की जा सकती है। http://www.nsi.gov.in
छात्रों के दरम्यान विभिन्न शर्करा उद्योगों और अन्य संगठनों द्वारा परिसर में इंटरब्यू का आयोजन किया गया ताकि उन्हें विभिन्न पाठ्यक्रमों के अनुरुप रोजगार प्राप्त हो सके। इस दौरान मेसर्स हाल सिद्धनाथ सहकारी चीनी मिल लि0, बेलगावी, कर्नाटक, मेसर्स त्रिवेणु इंडस्ट्रीज लि0 नोयडा, उत्तर प्रदेश, मेसर्स मेसर्स एलेन स्मिथ लि0, पुणे, महाराष्ट्र और मेसर्स भगौली शर्करा लि0, हरदोई, उत्तर प्रदेश, मेसर्स केशर इंटरप्राइजेज लि0, बहेड़ी उत्तर प्रदेश, मेसर्स दाउरिया शुगर वर्क्स , मेसर्स डी.एस. ई. एल. अजबापुर, मेसर्स केटलिस्ट लि0, नोयडा, उत्तर प्रदेश और मेसर्स बायोडेग केमिकल सिस्टम, उत्तर प्रदेश जैसे संस्थाओ ने विभिन्न पाठ्यक्रम को छात्रों को नियुक्त प्रदान की।